Wednesday 17 December 2014

दुःखों से छुटकारा

दोस्तों आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद की अपने अपना कुछ समय मुझे दिया।  दोस्तों इस ब्लॉग का नाम है प्रॉब्लम की चाबी और इसको लिखने का सिर्फ एक ही उद्देश है की - जीवन की प्रॉब्लम को कम किया जाये। अगर मै किसी एक को भी प्रॉब्लम की चाबी दे सका तो मुझे मेरे जीने का अफसोश नहीं होगा। जब मै जॉब करता था तो मेरा एक बॉस था जिसने मुझे सिर्फ एक चीज़  सिखाईं की - बेटा जीवन में हर जगह प्रॉब्लम आएगी लेकिन हमें प्रॉब्लम को नहीं उसके समाधान, उस प्रॉब्लम का सलूशन ढूढ़ना है, और अपना सारा ध्यान सिर्फ उस प्रॉब्लम को सॉल्व (ठीक) करने में लगाना हैं. तब तक उस प्रॉब्लम के बारे में सोचे जब तक कोई सही समाधान (सलूशन) नहीं मिल जाता।

दोस्तों मुझे अंग्रेजी पढ़नी, लिखनी और बोलनी नहीं आती थी लेकिन आज मै दिल्ली में अंग्रेजी बोलना सिखाता हूँ. और अभी तक बहुत सारे लोगो को अंग्रेजी सीखा चूका हूँ. मुझे किसी ने बताया है की कोई भी कुछ भी सीख सकता हैं, अगर वो चाहे तो. मेरे पर्चे पर एक लाइन लिखी हैं  जो इस प्रकार है "कोई भी अंग्रेजी बोलना सीख  सकता हैं" और मैं किसी को भी अंग्रेजी बोलना सीखा सकता हूँ , अगर वो चाहे तो. 

एक बात तो बताना ही भूल गया हूँ कि मैंने स्कूल टाइम में कभी पढ़ाई नहीं की. मैं अपनी क्लास के सबसे बेवकूफ स्टूडेंट में से एक था और बहुत नक़ल करने के बाद भी मेरे ३३% बहुत मुश्किल से आते थे. मैं वो हूँ जो १२ वी क्लास तक अंग्रेजी के नाम से १ मील दूर भाग जाता था. दोस्तों मुझे लगता है की अगर मैं अपनी इस प्रोब्लेम की चाबी ढूढ़ सकता हूँ तो आप भी अपनी किसी भी प्रॉब्लम की चाबी ढूढ़ सकते है. नीचे मेरी अंग्रेजी की पाठशाला का लिंक और कुछ फोटो हैं.      

पाठशाला का पहला पर्चा 

बच्चो के साथ कुछ फोटो 

कभी कभी घर के बाहर  भी क्लास होती हैं 

एक और क्लास 
घर पर मेरे मित्र संजय और मै  

सबको अंग्रेजी बोलना सीखा रहा हूँ क्योंकि अंग्रेजी ने मुझे बहुत परेशान किया 


दुःखों से छुटकारा पाने के उपाए।
आप सब ने बहुत बार ये सुना होगा की प्रेजेंट में जिओ (वर्तमान में जीओ), दोस्तों मैंने कही पढ़ा है की जब हम प्रेजेंट में जीते है तो उस समय हमारे पास सिर्फ वही समय होता है. अगर हम उस समय को जीना सीख ले तो उस समय न कोई बीती हुई बात हमें परेशान करेगी और न कोई आगे होने वाली बात क्योंकि हम सिर्फ उस समय को जिएंगे। हम उस वक्त जहाँ होंगे, जैसे होंगे उसमे खुश रहने की कोशिश करेंगे। आप के पास जो कुछ भी हो उसी में खुश रहे, दिल से महसूस करे की आप खुश है. आप सोच रहे होंगे कि ये क्या बकवास बोल रहा है लेकिन एक बार try जरूर करना। ये सोचे की ऊपर वाले ने जो दिया है वो ठीक दिया है और मेरे कर्मों के अनुसार ही दिया है. 

एक बात और अगर हम ईश्वर से भिखारी  की तरह कुछ भी मांगेगे तो हमको वही  मिलेगा जो हम एक भिखारी को देते है. जब हम भगवान से कुछ वैसे ही मांगते है तो भगवन भी हमको वैसे ही ट्रीट करते है जैसे हम एक भिखारी को करते है.  

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